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आत्मीय आमंत्रण

अत्यग्निष्टोम महा-सोमयाग यज्ञ

5 से 10 फरवरी 2024
यज्ञस्थली : पुरुषोत्तम मंदिर तेंडोली, कुडाळ, सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र-गोवा बॉर्डर

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 महा सोमयाग 

  • विश्व कल्याण के लिए

  • ऋतुचक्र के संतुलन के लिए

  • पंचमहाभूतों का संतुलन

  • पर्यावरण और वायुमंडल की शुद्धी • विश्व शांती के लिए

  • वैश्विक संतुलन के लिए

  • ग्लोबल वॉर्मिंग और प्रदुषण मुक्ती के लिए

  • व्यक्तिगत आरोग्य, समृद्धी, संतोष और समाधन के लिए

To get Program Brochure on your WhatsApp Send WA message 👉 "Mahasomyag" to 8421951262

यज्ञ संकल्पना : 

वेद सारी सृष्टी के मूल आधार ग्रंथ है। ब्रह्मांड का और सारी सृष्टी का चक्र सुचारू रूप से चले, इसलिए परिपूर्ण ऐसा ज्ञान वेदोंमे दिया गया है। यह ईश्वर की वाणी है, इसलिए इसे अपौरूषेय कहा गया है। वेदोंके ज्ञान को श्रुती कहा जाता है। श्रुती के आधारपर जो यज्ञ किए जाते है उन्हें श्रौत यज्ञ कहा जाता है। यह यज्ञ करने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ अग्निहोत्री ब्राह्मण देवता को है, जिनके घरपर २४ घंटे अभि नारायण प्रज्वलित होता है। संपूर्ण भारत में आज बस २१२ ऐसे अग्निहोत्री ब्राह्मण देवता उपलब्ध है।

यज्ञ यह एक प्राचीन विज्ञान है। श्रीत यज्ञोंका आयोजन विश्वकल्याण हेतू किया जाता था। सृष्टी चक्र बना रहे, ऋतु चक्र बना रहे. बहुत वर्षा हो, बहुत धन धान्य निर्माण हो, सर्व पृथ्वीपर समृद्धी बनी रहे, सभी को आनंद और सुख मिले यह श्रौत यज्ञोंका प्रमुख उद्देश है। पंचमहाभूतो में (पृथ्वी, जल, वायू, अग्री, आकाश) संतुलन बना रहे. मानसिक, भावनिक, सामाजिक शांती बनी रहे, पर्यावरण और वायुमंडल की शुद्धी हो, ओझोन का स्तर बना रहे, वातावरण के किटाणू और जहरीले विषाणू नष्ट हो, इसीलिए सोमयाग और श्रौत यज्ञ किए जाते है।

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सामान्यतः यज्ञ की तीन संस्थाएँ हैं

(1) पाकयज्ञ संस्था : इसमें औपासन होम, वैश्वदेव, पार्वण, अष्टकाश्राद्ध, मासिकश्राद्ध, श्रवणाकर्म, शूलगव आदि सात पाकयज्ञ संस्थाएँ हैं । 

(2) हविर्यज्ञ संस्था: अग्न्याधान, अग्निहोत्र, दर्शपूर्णमास, आग्रायण, चातुर्मास्य, निरूढ़ पशुबन्ध और सौत्रामणी आदि सात संस्थाएँ हैं।

( 3 ) सोमयज्ञ संस्था: अग्निष्टोम, अत्यग्निष्टोम, उक्थ्य, षोडशी, वाजपेय, अतिरात्र और अप्तोर्याम ये सात सोमयज्ञ संस्थाएँ हैं।

इन सभी में सोम प्रधान है अर्थात प्रमुख हविर्द्रव्य है। सोमवल्ली नामक एक विशेष पौधा लाकर उसे दिन में तीन बार प्रातः सवन, माध्यंदिन सवन आणि उत्तर सवन यानी सुबह-दोपहर- रात को कुचलकर रस निकालना है और उस सोमरस को विभिन्न देवताओं के लिए अग्नि में अर्पित करना है। इसलिए इसे सोमयाग कहा जाता है। इन यज्ञों में चारों वेदों का नियमित पाठ किया जाता है। तीन मिट्टी के महावीरपात्र होते हैं, जिनमें गाय के घी को अग्नि मंत्रों के द्वारा उबाला जाता है। और उस घी में गाय का दूध और बकरी का दूध डाला जाता है, फिर २०-२५ फीट इंच व्यास की एक दिव्य ज्वाला आकाश की ओर उठती है, जो वातावरण और पर्यावरण को शुद्ध करती है

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 आप कैसे सहभागी हो सकते है ? 

  • यह सोमयाग सभी के लिए नि:शुल्क है । 

  • सोमयाग स्थल पर दोपहर का और शाम महाप्रसाद भंडारा उपलब्ध है ।

  • सोमयाग स्थल पर स:शुल्क निवास व्यवस्था है । अथवा आप नजदिकी शहरोंमे होटेल इ. में खुद व्यवस्था कर सकते है ।

  • सोमयाग के लिए विविध प्रकार से यज्ञसेवा करने की प्रार्थना है ।

 महा सोमयाग  यज्ञस्थली 

गुगल मॅप लोकेशन - Click Here

  • नजदीक का एयरपोर्ट - मोपा गोवा (GOX) 63 किमी चिपी सिंधुदुर्ग (SDW) 17 किमी

  • नजदीक का रेल्वे स्टेशन - कुडाल स्टेशन (KUDL) ( कोकण रेल्वे ) 15 किमी 

  • रास्ता मार्ग – नॅशनल हायवे 66 (NH 66) से कुडाल आयिए । 12 किमी पर यज्ञस्थळी है ।

  • भोजन व्यवस्था - दोपहर  भंडारा - शाम प्रसाद भोजन व्यवस्था यज्ञस्थलपर उपलब्ध है। 

 सशु:ल्क निवास व्यवस्था 

  • सार्वजनिक समूह निवास व्यवस्था (Dormitory) - 6 दिन के लिए -  ओपन हॉलमें -  गद्दी चद्दर के साथ  - 6  दिन के लिए -  प्रति व्यक्ती रू. 1500/- 

  • नॉन ॲटॅच जनरल रूम्स – रू. 1800/-  6 दिन के लिए - प्रति व्यक्ती – (एक रूम में 4 व्यक्ती) 

  • ॲटॅच रूम – रू. 2400/- प्रति व्यक्ती -  6 दिन के लिए – (एक रूम में 4 व्यक्ती)

  • एसी रूम - रू. 5100/-  6 दिन के लिए - प्रति व्यक्ती – (एक रूम में 4 व्यक्ती) 

  • यज्ञस्थळी के पास - खुले मैदान मंडप में - 6 दिन के लिए प्रति व्यक्ती रू. 1100/-  

  • होटल व्यवस्था – कुडाल (12 किमी) वेंगुर्ला (15किमी) सावंतवाडी (35 किमी) इन शहरोंसे होटल लॉजिंग सुविधा उपलब्ध है। गुगलपर इनकी जानकारी उपलब्ध है ।

आयोजक : भीष्म स्कूल ऑफ भारतीय नॉलेज सिस्टिम

Contact for any inquiries -
WhatsApp: 8421951262
(Call) Mo: 7875743405 / 8421951262
Email: namaste@bhishmaiks.org

Office Address:
622, Janaki Raghunath, Pulachi Wadi,Near Z Bridge, Deccan Gymkhana, Pune - 411004
MH, Bharat
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वैश्विक महासोमयाग संकल्प
इ.स. २०२४ - फेब्रुवारी भारत में और जून युएसए में
इ.स. २०२४ से
२०२७ - भारत में १०८ जगहपर सोमयाग
इ.स . २०२४ से २०२९ - १०८ देशोंमें और भारत के बाहर १०८ सोमयाग
(जो अपने देशमें, क्षेत्रमें, शहरमें सोमयाग आयोजन कराना चाहते है संपर्क करें)

महा सोमयाग 

व्हॉटसअप : 8421951262

संपर्क : 8421951262

622, जानकी रघुनाथ, पूलाचीवाडी, जंगली महाराज रोड, डेक्कन जिमखाना, पुणे - 411004 

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